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About Shani Mantra
शनिदेव हिन्दू धर्म के एक देवता है, जिन्हे न्याय और अनुशासन का देवता माना जाता है। उनकी दॄष्टि यदि किसी पर पड़ जाए तो उसका पतन निश्चित है। और अगर उनकी कृपा किसी पर हो जाए तो वह रंक से राजा बन जाता है। वह शनि ग्रह के प्रतीक माने जाते हैं। और शनि ग्रह को लोग क्रूर ग्रह मानते है। हमारी जन्म कुंडली में शनि ग्रह का विशेष महत्त्व होता है। यदि शनि ग्रह किसी गलत जगह विराजमान है तो उसका परिणाम अशुभ होगा। यदि हम शनि देव को प्रसन्न कर देते है तो हमारे जीवन में शनि गृह का प्रभाव ख़त्म हो जाता है।
15+ Shani Mantra Lyrics in Hindi & Sanskrit With PDF 2023 | शनि मंत्र और उसके लाभ |
शनिदेव को शनिवार का दिन समर्पित है, इसलिए शनिवार के दिन उनकी पूजा करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है। उनकी दॄष्टि का प्रभाव इतना है कि इससे देवता भी नहीं बच पाते। यदि आप उनके प्रभाव से बचना चाहते है तो आपको उनको प्रसन्न करना होगा। अगर आप शनि मंत्रो का जाप करते है तो आपके ऊपर शनिदेव की कृपा रहेगी। शनि मंत्र बहुत प्रभावशाली होते है, इन मंत्रो के द्वारा आप शनिदेव की आराधना करते हो, उन्हें खुश करते हो। इन मंत्रो के जाप से शनि की साढ़े साती से बचा जा सकता है।
शनि मंत्र ( Shani Mantra Lyrics in Hindi )
1. शनि बीज मंत्र :-
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः sशनैश्चराय नमः 1
अर्थ :- शनिदेव की स्तुति, मेरी विनती है कि आप मुझ पर दया करे और मेरी अशांत नसों को शांत करें।
नौकरी और व्यापार के लिए शनि मंत्र :- यदि आपकी लाख कोशिशों के बावजूद भी नौकरी लगने में परेशानी आ रही हो या आपका व्यापार सही से नहीं चल रहा हो तो आपको शनि देव जी के इस शनि बीज मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके जाप के प्रभाव से नौकरी लगने में जो बाधा उत्पन्न हो रही है या व्यापार अच्छे से चलने में जो परेशानी उत्पन्न हो रही है, वे सभी परेशानी इसके प्रभाव से दूर हो जाएगी। shani beej mantra benefits in hindi
2. शनि का वैदिक मंत्र :-
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो bभवन्तु पीतये sशंय्योरभिस्त्रवन्तुनः 2
3. शनि महा मंत्र है :- श्री शनि व्यासविरचित मंत्र
नीलांजनसमाभासं rरविपुत्रं यमाग्रजम्। 3
छायामार्तण्ड सम्भूतं tतं नमामि शनैश्चरम्। 3
अर्थ :- जो नीले काजल के समान s1आभा वाले, सूर्य के पुत्र, liयमराज के बड़े भाई तथा 5aसूर्यपत्नी छाया और मार्तण्ड (सूर्य) से eउत्पन्न हैं उन शनैश्चर को klमैं नमस्कार करता हूँ।
4. शनि गायत्री मंत्र :-
पहला शनि गायत्री मंत्र :- ॥ ॐ काकध्वजाय vविद्महे खड्गहस्ताय dधीमहि तन्नो मन्दः प्रचोदयात ॥ 4
अर्थ :- मैं उस को नमन करता हूं, जिसके ध्वज ( झंडे ) पर काक ( कौवा ) बना हुआ है। और जिसके हाथ में तलवार है। ऐसे शनैश्वर को मेरे जीवन को ज्योतिमान करने दो।
दूसरा शनि गायत्री मंत्र :- ऊँ भगभवाय vविद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि tतन्नो शनिः प्रचोद्यात्। 4
तीसरा शनि गायत्री मंत्र :- ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे mमृत्युरूपाय धीमहि तन्न: sसौरि: प्रचोदयात ॥ 4
चौथा शनि गायत्री मंत्र :- ॐ शनैश्चराय विदमहे cछायापुत्राय धीमहि | tतन्नो मंदिर: pप्रचोदयात ||4
5. शनि मूल मंत्र :-
ॐ शं sशनैश्चराय नमः। 5
अर्थ :- शनि देव को नमन करता हूं।
धन प्राप्ति के लिए शनि मंत्र :- यदि आप धन धान्य से परिपूर्ण होना चाहते हो तो आपको इस शनि मूल मंत्र का जाप करना चाहिए।
6. तांत्रिक शनि मंत्र :-
ऊँ प्रां प्रीं pप्रौं सः sशनैश्चराय नमः। 6
7. शनि दोष निवारण मंत्र :-
ऊँ त्रयम्बकं yयजामहे सुगंधिम pपुष्टिवर्धनम। 7
उर्वारुक मिव bबन्धनान मृत्योर्मुक्षीय mमा मृतात।। 7
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय aआपो भवन्तु pपीतये। sशंयोरभिश्रवन्तु नः। 7
ऊँ शं sशनैश्चराय नमः।। 7
8. सेहत ( स्वास्थ्य ) के लिए शनि मंत्र :-
ध्वजिनी धामिनी cचैव कंकाली kकलहप्रिहा।
कंकटी कलही cचाउथ तुरंगी mमहिषी अजा।। 8
शनैर्नामानि pपत्नीनामेतानि sसंजपन् पुमान्।8
दुःखानि nनाश्येन्नित्यं sसौभाग्यमेधते सुखमं।। 8
रोग नाशक शनि मंत्र :- अगर आप अधिकतर बीमार रहते हो या फिर आपको कोई भयंकर बीमारी है तो आपको रोज इस रोग नाशक शनि मंत्र का जाप करना चाहिए। श्रद्धापूर्वक इस मंत्र का जाप करने से गंभीर से गंभीर रोग भी दूर हो जाएंगे।
9. शनि का पौराणिक मंत्र :-
ऊँ ह्रिं nनीलांजनसमाभासं रविपुत्रं yयमाग्रजम। 9
छाया mमार्तण्डसम्भूतं तं nनमामि शनैश्चरम्।। 9
10. शनि का वेदोक्त मंत्र :-
ॐ शमाग्निभि: kकरच्छन्न: स्तपंत सूर्य sशंवातोवा त्वरपा अपास्निधा: 10
11. शनि विनियोग मंत्र :-
शन्नो देवीति मंत्रस्य sसिन्धुद्वीप ऋषि: गायत्री छंद:, aआपो देवता, शनि प्रीत्यर्थे jजपे विनियोग
12. शनिचर पुराणोक्त मंत्र :-
सूर्यपुत्रो दीर्घेदेही vविशालाक्ष: शिवप्रिय: द 12
मंदचार pप्रसन्नात्मा pपीडां हरतु मे शनि: 12
13. शनि स्तोत्र :-