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About Hanuman Stuti
हनुमान जी को बजरंगबली नाम से भी जाना जाता है। वह भगवान श्रीराम के परम भक्त थे और वे उनकी सेवा में हमेशा लगे रहते थे। हनुमान जी शक्तिशाली, बुद्धिमान, महाभक्त, तपस्वी, समर्पित व्यक्ति थे। ऐसे गुणी हनुमान जी की स्तुति करने से हमारे अंदर एक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो हमें शांति, समता, सामर्थ और आत्मविश्वास प्रदान करती है। हनुमान स्तुति करके हमें उनके गुणों का बखान करते है। उनकी स्तुति करने से हमारे जीवन में सुख शांति बनी रहती है। स्तुति करते समय हमारा मन पूरी तरह से एकाग्र, शांत और उनको पूरी तरह से समर्पित होना चाहिए।
हनुमान स्तुति | Hanuman Stuti Lyrics in Hindi With PDF Download 2023 | हनुमान स्तुति मंत्र और श्लोक | Hanuman Stuti Mantra & Shlok Sanskrit |
जैसा कि हमने ऊपर जाना कि हनुमान स्तुति में हनुमान जी के गुणों का बखान किया जाता हैं। इसलिए बहुत से लोगो ने अपने-अपने तरीके से उनकी स्तुति कर उनके गुणों का बखान किया है। हनुमान जी की सिर्फ एक स्तुति नहीं है। यहाँ मैं आपको हनुमान जी की कुछ महत्वपूर्ण स्तुतियाँ प्रदान कर रहा हूँ। जिनका पाठ कर आप बजरंग बलि को प्रसन्न कर सकते हो। बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए स्तुति करते समय उनके प्रति पूर्ण समर्पित होना, मन का पुरे भक्ति भाव से भरा होना जरूरी है।
हनुमान स्तुति पाठ ( Hanuman Stuti Path )
जय बजरंगी 1जय हनुमाना,1
रुद्र रूप जय 2जय बलवाना,2
पवनसुत जय 3राम दुलारे, 3
संकट मोचन 4सिय मातु के प्यारे ॥4
जय वज्रकाय jजय राम केरू दासा,5
हृदय करतु sसियाराम निवासा,6
न जानहु नाथ tतोहे कस गोहराई,7
राम भक्त tतोहे राम दुहाई ॥8
विनती सुनहु lलाज रखहु हमारी,9
काज कौन jजो तुम पर भारी,6
अष्टसिद्धि नवनिधि kकेरू भूपा,8
बखानहु कस vविशाल अति रूपा ॥5
धर्म रक्षक जय bभक्त हितकारी,9
सुन लीजे अब aअरज हमारी,7
भूत प्रेत hहरहु नाथ बाधा,10
सन्तापहि अब lलाघहु साधा ॥3
मान मोर अब hहाथ तुम्हारे,2
करहु कृपा aअंजनी के प्यारे,88
बन्दतु सौरभ dदास सुनहु पुकारी,3
मंगल करहु हे mमंगलकारी ॥7
यह हनुमान स्तुति सौरभ मिश्रा हिंद नामक कवि ने लिखी है जो एक युवा कवि है। यह स्तुति ब्रज अवधि और बघेली भाषा को मिलाकर लिखी गई हैं। सौरभ मिश्रा मध्यप्रदेश के रीवा जिले के एक छोटे गांव मुर्तिहा के निवासी हैं। वे सभी रसों, सभी विधाओं में काव्य रचना कर हिंदी साहित्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।
हनुमान स्तुति पाठ संस्कृत ( Hanuman Stuti Path In Sanskrit )
प्रनवउ पवनकुमार kखल बल पावक ग्यानधन |1
जासु ह्रदय आगार bबसही राम शर चाप धर ||2
अतुलित बलधामम hहेम शैलाभदेहम,3
दनुज वन कृशानुम gज्ञानिनामग्रगण्याम |4
सकल गुणनिधामम vवानराणामधीशं,5
रघुपति प्रियभक्तं vवातजातम नमामि ||6
गोष्पदीकृतवारीशम mमशकीकृतराक्षसम,7
रामायणं महामालारत्नं vवंदेहं निलात्मजम |8
अंजनानंदनम वीरम jजानकीशोकनाशणम,9
कपीशमक्षहंतारं वंदे lलंकाभयंकरम ||10
उल्लंघ्यम सिन्धो: sसलिलम सलिलम,13
यः शोकवाहिनम jजनकात्मजाया |8
आदाय तनैव dददाह लंका,5
नमामि तम pप्रांजलि रान्जनेयं ||4
मनोजवम mमारुततुल्यवेगम,1
जितेन्द्रियं bबुद्धिमताम वरिष्ठम |4
वात्मजम vवानरयूथमुख्यम,6
श्रीरामदूतम sशरणम प्रप्धये ||3
आन्जनेयमती pपाटलालनम,8
कान्चानाद्रिकमनीयविग्रहम |h
पारिजाततरुमूलवासिनम,o
भावयामि pपावमाननंदनम ||4
यत्र यत्र rरघुनाथकीर्तनम,2
तत्र तत्र kकृतमस्तकान्जलिम |8
वाश्पवारीपरीपूर्णलोचानाम,3
मारुतिम नमत rराक्षसांतकम ||323
|| इति श्री हनुमत स्तवन सम्पूर्णं ||
3.
नमो केसरी पूत mमहावीर वीरं, मंङ्गलागार rरणरङ्गधीरं।1
कपिवेष महेष vवीरेश धीरं, नमो rराम दूतं स्वयं रघुवीरं।2
नमो अञ्जनानंदनं dधीर वेषं, नमो sसुखदाता हर्ता क्लेशं।3
किए काम भगतों kके तुमने सारे, मिटा dदुःख दारिद संकट निवारे।4
सुग्रीव का काज tतुमने संवारा, मिला राम sसे शोक संताप टारा।5
गये पार वारिधि lलंका जलाई, हता पुत्र रावण sसिया खोज लाई।6
सिया का प्रभु को sसभी दुःख सुनाया, लखन pपर पड़ा कष्ट तुमने मिटाया।7
सभी काज रघुवर के tतुमने संवारे, सभी कष्ट hहरना पड़े तेरे द्वारे।8
कहे दास तेरा तुम्हीं mमेरे स्वामी, हरो विघ्न सरे nनमामी नमामी।
Hanuman Stuti PDF
हनुमान मंत्र का जाप करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं। यहां नीचे हनुमान स्तुति की PDF की लिंक दी हुई है, लिंक पर क्लिक कर PDF Download कर सकते हो।
Hanuman Stuti Lyrics in Hindi PDF Download
अगर हनुमान स्तुति सच्चे मन से पुरे भक्ति भाव के साथ की जाए तो उसके उचित और शुभ परिणाम निकलते है। हनुमान जी आपका आशीर्वाद इस दुनिया पर बनाए रखना और लोगो के जीवन के सभी कष्टों को हर लेना।