The temple of Karhal Mata is very famous in Dungarpur district of Rajasthan.
करहल माता एक ऐसी देवी हैं जिनसे अक्सर बिना संतान वाले जोड़े आशीर्वाद मांगते हैं। हालांकि, समय के साथ, इस संबंध में करहल माता से आशीर्वाद मांगने के लिए बड़ी मात्रा में जोड़ों की भीड़ मंदिर में आने लगी। संतान होने के बाद वह जोड़ा बड़ी श्रद्धा से मंदिर आता है और देसी घी की पापड़ी देवी को चढ़ाता है।आखिरकार, देवी के आशीर्वाद से कई बच्चों का जन्म हुआ, जो अब स्वयं उनके भक्त हैं। पूरे भारत के अन्य जोड़े भी करहल माता के सम्मान में मंदिर जाते हैं। यहाँ सिर्फ संतान पाने की इच्छा रखने वाले ही नहीं बल्कि अपनी अन्य मनोकामनाए रखने वाले लोग भी यहाँ आते है और उनकी मनोकामनाए पूर्ण भी होती है।
आदिवासी करते हैं इस मंदिर में पूजा, आरती
आमतौर पर सभी जगह देखा जाता है कि मंदिर की पूजा ब्राह्मण लोग ही करते है लेकिन करहल माता मंदिर की एक खासियत है कि यहाँ पूजा-पाठ ब्राह्मण पुजारी नहीं बल्कि आदिवासी पुजारी करते है। और यह प्रथा आज की नहीं है बल्कि जब से मंदिर बना है तब से यहाँ पूजा पाठ आदि आदिवासी लोग ही करते आये है। यह मंदिर डूंगरपुर नेशनल हाइवे 48 पर बसे अमझेरा गांव में स्थित है।