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संकटमोचन हनुमान अष्टक। Sankat Mochan Hanuman Ashtak Lyrics in Hindi |
About Sankat Mochan Hanuman Ashtak
हनुमान जी जिन्हें भगवान राम का अद्वितीय परम भक्त होने का सौभाग्य प्राप्त हो, जिन्हें अमरत्व का वरदान प्राप्त हो, ऐसे पवन पुत्र, संकट मोचन बजरंग बली की पूजा करना बहुत लाभप्रद होता है। जब इनकी पूजा की जाती है तब हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक का पाठ करना अति उत्तम माना जाता है।
हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन संकटमोचन, पवनपुत्र हनुमान जी की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन माना जाता है। आज के दिन जो भी भक्त सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करता है, आराधना करता है, उनकी सेवा करता है, तो हनुमान जी उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं, उसके जीवन के सभी संकट और कष्ट दूर करते हैं।
संकटों और कष्टों से मुक्ति के लिए मंगलवार के दिन आपको संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ अवश्य करना चाहिए। वैसे संकट मोचन हनुमान अष्टक का श्रद्धा से नियमित पाठ किया जाए तो भक्तों को उनके गंभीर संकट से मुक्ति मिल जाती है। तो चलिए शुरु करते हैं संकटमोचन हनुमानाष्टक पाठ ( Sankat Mochan Hanuman Ashtak Paath Lyrics In Hindi )
संकट मोचन हनुमान अष्टक पाठ के फायदे ( Sankat Mochan Hanuman Ashtak Benefits )
अगर हम मन से संकट मोचन हनुमान अष्टक पाठ को करते है तो इससे हनुमान जी प्रसन्न होकर हमारे सभी कष्टों को दूर कर देते है | संकट मोचन हनुमान अष्टक पाठ के माध्यम से हम हनुमान जी को उनकी शक्ति का अहसास कराते है और उनसे हम अपने सभी कष्टों को हरने की प्रार्थना करते है |
बचपन में अपनी क्रीडाओं ( खेल-कूद ) द्वारा हनुमान सभी ऋषि-मुनियों को परेशान किया करते थे | एक दिन एक ऋषि ने उन्हें यह श्राप दिया कि समय-समय पर वे अपनी शक्तियां भूलते जाएंगे और दूसरों के द्वारा उन्हें उनकी शक्ति का स्मरण कराने पर ही उन्हें उनकी शक्ति का अहसास होगा | संकट मोचन हनुमान अष्टक पाठ के माध्यम से हम हनुमान जी की दिव्य शक्तियों का गुण गान करते है, जिसके परिणाम स्वरुप हनुमान प्रसन्न होकर अपने भक्तो की मनोकामना को शीघ्र पूर्ण करते है |
हनुमान अष्टक पाठ
।। हनुमानाष्टक ।।
बाल समय रवि भक्षी लियो तब,
तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।
ताहि सों त्रास भयो जग को,
यह संकट काहु सों जात न टारो ।
देवन आनि करी बिनती तब,
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ।। १ ।।
बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,
जात महाप्रभु पंथ निहारो ।
चौंकि महामुनि साप दियो तब,
चाहिए कौन बिचार बिचारो ।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,
सो तुम दास के सोक निवारो ।। २ ।।
अंगद के संग लेन गए सिय,
खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु,
बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।
हेरी थके तट सिन्धु सबे तब,
लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ।। ३ ।।
रावण त्रास दई सिय को सब,
राक्षसी सों कही सोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु,
जाए महा रजनीचर मरो ।
चाहत सीय असोक सों आगि सु,
दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ।। ४ ।।
बान लाग्यो उर लछिमन के तब,
प्राण तजे सूत रावन मारो ।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत,
तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।
आनि सजीवन हाथ दिए तब,
लछिमन के तुम प्रान उबारो ।। ५ ।।
रावन जुध अजान कियो तब,
नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,
मोह भयो यह संकट भारो ।
आनि खगेस तबै हनुमान जु,
बंधन काटि सुत्रास निवारो ।। ६ ।।
बंधू समेत जबै अहिरावन,
लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि,
देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।
जाये सहाए भयो तब ही,
अहिरावन सैन्य समेत संहारो ।। ७ ।।
काज किये बड़ देवन के तुम,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसे नहिं जात है टारो ।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होए हमारो ।। ८ ।।
।। दोहा ।।
लाल देह लाली लसे,
अरु धरि लाल लंगूर ।
वज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपि सूर ।।
Hanuman Ashtak PDF
हनुमान अष्टक का पाठ करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं। यहां नीचे हनुमान अष्टक की PDF की लिंक दी हुई है, लिंक पर क्लिक कर PDF Download कर सकते हो।
Hanuman Ashtak in Hindi PDF Download
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