परिवार में मृत्यु होने पर मुंडन क्यों किया जाता है ?

सभी धर्मो के अपने-अपने रीति रिवाज, परंपराएं होती है। वैसे ही हिंदू धर्म में भी तरह-तरह के रीति रिवाज, परंपराएं है। हिंदू धर्म में जन्म-मृत्यु, शादी-ब्याह, गृह प्रवेश आदि से जुड़ी कुछ परंपराए, रीति रिवाज होते है जिनका पालन करना आवश्यक माना जाता है। मुंडन भी हिंदू धर्म की एक परंपरा है, जिसमें मंत्रो के साथ सिर के बाल काटे जाते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। यदि मुंडन पवित्र स्थानों पर किया जाए तो शुभ होता है, जैसे - वाराणसी, तिरुपति आदि। 

परिवार में मृत्यु होने पर मुंडन क्यों किया जाता है


मुंडन क्यों किया जाता है ?

हमारे बाल जो हमारे लिए गर्व का प्रतिक माने जाते है। अगर हम इन्हें भगवान को समर्पित कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि हम अपने गर्व ( अहम या अहंकार ) को छोड़ भगवान को समर्पित हो रहे हैं। यह हमारा एक प्रकार से समर्पण भाव दर्शाता है। इसलिए हम बहुत से मौकों पर मुंडन संस्कार करते हैं। 

खिर मुंडन कब - कब और क्यों किया जाता है ?

1. जन्म के बाद -

जैसा कि मैंने आपको ऊपर बताया कि बाल अहंकार का प्रतीक होते हैं। हिंदू धर्म में पुनर्जन्म पर विश्वास किया जाता है। बच्चे के मुंडन को लेकर ऐसी मान्यता है कि मुंडन करने से बच्चा अपनी पुरानी ज़िन्दगी के बंधनों से मुक्त हो जाता है। बालों को गर्व/ अहंकार का प्रतिक माना जाता है। इसी कारण हम मुंडन कराकर अपना अहंकार त्याग कर अपने आपको भगवान को समर्पित कर देते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि मुंडन कराने से हमारे मन में आए बुरे विचार ख़त्म हो जाते हैं।


2. मन्नत पूरी होने पर -

बहुत से लोग किसी चीज को पाने के लिए या मन्नत रखते, जब मन्नत पूरी हो जाती है तो लोग मुंडन करवाते हैं अपने बालो को भगवान को अर्पित करते हैं। इस परंपरा, इस रिवाज का चलन तिरुपति बालाजी और वाराणसी में बहुत है। 

3. दाह संस्कार के बाद - 

हिंदू धर्म के धार्मिक ग्रंथ गरुड़ पुराण में मृत्यु होने के बाद आत्मा को शांति दिलाने लिए बहुत सी क्रियाएं बताई गई हैं उनमें से मुंडन भी एक है। किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद पार्थिव शरीर के दाह संस्कार के बाद उसके परिजनों का मुंडन किया जाता है। ( मृत्यु के बाद मुंडन क्यों किया जाता है ? मृत्यु के बाद मुंडन क्यों कराया जाता है ?)

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मृत्यु होने पर मुंडन क्यों किया जाता है ? 

यहां हम जानेंगे कि आखिर परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु होने पर मुंडन क्यों किया जाता है ? यहां हम इसके पीछे छिपे कारणों के बारे में विस्तार से जानेंगे तो चलिए जानते है आखिर ऐसा क्यों किया जाता है ? why do hindu shave their heads when someone dies

1. मृतक को श्रृद्धांजलि स्वरूप - परिवार के हर सदस्य का अपना कर्तव्य, अपना दायित्व होता है, जिसे हर सदस्य पूरी निष्ठा के साथ निभाता है। मृत व्यक्ति द्वारा परिवार में दिए गए योगदान के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के लिए परिजन सम्मान स्वरूप मुंडन करवाते है। उनको बाल समर्पित किए जाते हैं। यह मुंडन मृतक द्वारा परिवार को दिए गए स्नेह, प्यार के लिए परिवारजन द्वारा एक प्रकार से श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। 


2. हानिकारक जीवाणुओं से बचाव के लिए - जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो उसकी मृत्यु के तुरंत बाद उसका शरीर सड़न ने लग जाता है, उसमें हानिकारक जीवाणु उत्पन्न होने लग जाते है। परिवारजन इस मृत देह को घर से लेकर शमशान ले जाने तक कई बार छूते है, जिससे वे संभवतः उन हानिकारक जीवाणुओं के संपर्क में आ जाते हैं। वे जीवाणु उनके शरीर पर चिपक जाते हैं। 


इसलिए दाह संस्कार के बाद नाखून काटना, धूप में बैठना, स्नान करना और मुंडन जैसी प्रक्रिया साथ में ही की जाती है जिससे शरीर को स्वच्छ बनाया जा सके। मुण्डन कराने से कई तरह के संक्रमण से मुक्ति मिलती है। स्त्रियां शामशान में नहीं जाती इसलिए हिंदू शास्त्रों में उनके मुण्डन का कोई प्रावधान नहीं है।


3. पातक को कम करने के लिए - हिंदू धर्म के अनुसार जैसे परिवार में किसी बच्चे का जन्म होता है, तो उस बच्चे के जन्म के समय से 10 दिन बाद तक परिवार में सूतक लगता है। इस समय में परिवारजन धार्मिक क्रियाओं में सम्मलित नहीं हो पाते है, जैसे - पूजा करना, धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेना, दान करना आदि। 


उसी प्रकार परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु हो जाने पर परिवार में पातक ( इसे सूतक भी कहा जाता है ) लगता है। इसमें भी धार्मिक क्रियाएं वर्जित रहती है। क्योंकि परिवार में मृत्यु के कुछ समय बाद तक जो 12 से 13 दिन का समय होता है उसमें अपवित्रता के कारण धार्मिक क्रिया करना वर्जित माना जाता है। ( मृत्यु के बाद मुंडन क्यों करते  है ? )


4. मृतक से भौतिक सम्पर्क खत्म करने के लिए - गरुण पुराण में बताया गया है कि जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो उसकी आत्मा स्वयं की मृत्यु को तुरंत मानने के लिए तैयार नहीं होती पहले तो वो शव के आस पास घूमती है, फिर दाह संस्कार के बाद परिजनों के आस पास लेकिन इन्द्रियों के अभाव के कारण उनका भौतिक संपर्क नहीं हो पाता और इस संपर्क को बनाने के लिए सर के बाल सहायक सिद्ध होते है। इस सम्पर्क को तोड़ने के लिए ही सभी परिवार जनों का मुंडन किया जाता है।


मैं आशा करता हूं कि आपको मुंडन करने से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे। और आपको यह भी पता लग गया होगा कि परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु होने पर मुंडन क्यों किया जाता है ?  मरने के बाद मुंडन क्यों किया जाता है ?


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