Lord Panchmukhi Hanuman Ji - जानें हनुमान जी ने क्यों लिया था पंचमुखी हनुमान अवतार? और पूजा का महत्व आदि

Lord panchmukhi hanuman ji, panchmukhi hanuman image png, panchmukhi hanuman mandir

संस्कृत शब्द पंचमुख (वैकल्पिक रूप से पंचमुखी) का अर्थ है 'पांच मुख'। अधिकांश हिंदू देवताओं को कई चेहरों के रूप में दिखाया गया है।

श्री रामभक्त हनुमान जी अपने भक्तों पर आने वाले किसी भी संकट को तुरंत हर लेते हैं, इसलिए हनुमान जी को संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि हनुमान जी 'पंचमुखी हनुमान जी' कैसे बने ? 

Lord Panchmukhi Hanuman Ji

Lord Panchmukhi Hanuman Ji - पंचमुखी हनुमान जी

वैसे तो हनुमान जी स्वयं भगवान श्री राम के परम भक्त हैं और हमेशा राम नाम का स्मरण करते रहते हैं, लेकिन एक बार जब भगवान श्री राम पर संकट आन पड़ा था तब हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार धारण करके उन्हे भी संकट से निकाला था। आइए विस्तार से जानते हैं हनुमान जी के पंचमुखी अवतार के पीछे की कहानी के बारे में -

Join Whatsapp Group

हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार क्यों लिया ?

रामायण कथा के अनुसार लंका युद्ध के समय जब रावण के भाई अहिरावण ने अपनी मायवी शक्ति से भगवान श्री राम और लक्ष्मण को मूर्च्छित ( बेहोश ) कर पाताल लोक लेकर चला गया था। जहां अहिरावण ने पांच दिशाओं में पांच दीपक जला रखे थे। 

Hanuman Ji Photos
Hanuman Ji


उसे वरदान था कि जब तक कोई इन पांचों दीपक को एक साथ नहीं बुझाएगा, तब तक अहिरावण का वध नहीं होगा। अहिरावण की इसी माया को समाप्त करने के लिए हनुमान जी ने पंचमुखी हनुमान का अवतार लिया और पांच दिशाओं में मुख कर पांचों दीपक को एक साथ बुझाकर अहिरावण का वध किया। और भगवान श्री राम और लक्ष्मण उसके बंधन से मुक्त किया।

पंचमुखी हनुमान की अन्य कथा :-

इसी प्रसंग से सम्बंधित एक दूसरी कथा भी मिलती है जिसमें मरियल नामक दानव भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र चुराता है और यह बात जब हनुमान को पता लगी तो वह संकल्प लेते हैं कि वे सुदर्शन चक्र लाकर भगवान विष्णु को सौप देंगे। 

मरियल राक्षस इच्छानुसार रूप बदलने में माहिर था इसलिए भगवान विष्णु ने हनुमानजी को आशीर्वाद दिया और साथ ही इच्छानुसार वायुगमन की शक्ति के साथ गरुड़-मुख, भय उत्पन्न करने वाला नरसिंह-मुख, ज्ञान प्राप्त करने के लिए हयग्रीव मुख तथा वराह मुख सुख व समृद्धि के लिए प्रदान किया था। और पार्वती जी द्वारा उन्हें कमल पुष्प एवं यमराज ने उन्हें पाश नामक अस्त्र प्रदान किया।  इन सबकी शक्तियों के साथ हनुमान जी ने मरियल पर विजय प्राप्त की। उस समय से ही उनके इस पंचमुखी स्वरूप को भी मान्यता प्राप्त हुई।  

पंचमुखी हनुमान जी के पांच मुखों के बारे में 

हनुमान जी का पंचमुखी अवतार पांच दिशाओं का प्रतिनिधित्व करता है। इन पांच मुखों में नरसिंह, गरुड़, अश्व, वानर और वराह रूप शामिल हैं। हनुमान के पांच मुख पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण और ऊर्ध्व दिशा में स्थित हैं। इस मुख की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय पाई जा सकती है। मान्यता के अनुसार हनुमान जी का पंचमुखी अवतार भक्तों का कल्याण करने के लिए हुआ हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पंचमुखी हनुमानजी का अवतार मार्गशीर्ष कृष्णाष्टमी को माना जाता हैं। रुद्र अवतार हनुमान जी ऊर्जा के प्रतीक माने जाते हैं। इनकी आराधना से बल, सम्मान, आरोग्य और निडरता बढती है। 

Panchmukhi Hanuman Ji


पंचमुखी हनुमान जी के पांच मुखों का महत्व 

पूर्व दिशा में जो मुंह है उसे वानर ( हनुमान जी ) कहा गया है जिसकी चमक सैकड़ों सूर्यों के वैभव के समान है। पश्चिम दिशा का मुख गरुड का हैं जो भक्तिप्रद, संकट, विघ्न निवारक माने जाते हैं। गरुड भी हनुमानजी की तरह अजर अमर माने जाते हैं। हनुमान जी का उत्तर की ओर मुंह शूकर का है और इनकी आराधना करने से भक्त को अपार धन-सम्पत्ति,ऐश्वर्य, यश, दिर्धायु व उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है। पंचमुखी हनुमान जी का दक्षिण की तरफ भगवान नृसिंह का मुंह है जो भक्तों के डर, चिंता, परेशानी को दूर करता हैं।

तमिल भाषीय कम्बा रामायण में, भगवान हनुमान जी के पांच चेहरों ( पंचमुखी ) का महत्व इस प्रकार बताया गया है -

  • भगवान हनुमान जी पांच तत्वों में से एक वायु के पुत्र (पवनपुत्र) थे। 
  • माता सीता को खोजने के लिए हनुमानजी ने समुद्र पार किया था। जल (समुद्र) भी पांच तत्वों में से एक है। 
  • हनुमान जी पांच तत्वों में से एक आकाश में उड़ते थे।
  • भगवान हनुमान का अंतिम उद्देश्य पांच तत्वों में से एक पृथ्वी की पुत्री देवी सीता को खोजना था। 
  • हनुमान जी ने अग्नि से लंका को भस्म कर दिया था। अग्नि भी पंच तत्वों में से एक है।

पंचमुखी हनुमान की पूजा विधि - Panchmukhi Hanuman Puja

पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र को हमेशा दक्षिण दिशा में लगाना चाहिए। मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा का विशेष दिन होता है। इस दिन लाल रंग के फूल, सिंदूर और चमेली का तेल अवश्य चढ़ाना चाहिए और साथ में गुड़ व चने का भोग लगाना चाहिए एवं सुंदरकाण्ड का पाठ या हनुमान चालीसा पढ़ने से विशेष लाभ होता है। इसके अलावा घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में पंचमुखी हनुमान जी का चित्र लगाने से सभी तरह के वास्तुदोष दूर हो जाते हैं।
Panchmukhi Hanuman Ji Photo

Panchmukhi Hanuman Mandir - पंचमुखी मंदिर

श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर पाकिस्तान में एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर है। यह पाकिस्तान के सिंध प्रांत में कराची में सैनिक बाजार में स्थित है। यह 1,500 साल पुराना मंदिर है। यह दुनिया का एकमात्र मंदिर है जिसमें भगवान हनुमान की प्राकृतिक मूर्ति है। इसे सिंध सांस्कृतिक विरासत (संरक्षण) अधिनियम 1994 के तहत राष्ट्रीय विरासत घोषित किया गया है।

Join Whatsapp Group

Lord panchmukhi hanuman ji, panchmukhi hanuman image png, panchmukhi hanuman mandir

अन्य पोस्ट :- 



Previous Post Next Post